Thursday 15 July 2021

महाराष्ट्र राज्य की कृषि व ग्रामीण पर्यटन नीति

महाराष्ट्र राज्य की कृषि व ग्रामीण पर्यटन नीति

कृषि व ग्रामीण पर्यटन संकल्पना

कृषि व ग्रामीण पर्यटन संकल्पना वैसे कोई नई पर्यटन संकल्पना नहीं है लेकिन आधुनिक समय में, नए परिपेक्ष्य के साथ इस पर्यटन संकल्पना का प्रस्तुतीकरण किया गया हैI किसान के खेत में जाकर, खेती को देखना, समझना, खेतीके काम का अनुभव लेना, खेत में ही उत्पन्न हुई सब्ज़ी किसानोंके अंदाज़ में खरीदना, खाना, थोड़े हँसीं विनोद और मनोरंजन के साथ, गाँव, ग्रामीण संस्कृती का अनुभव करते हुए गाँव को समझना, इसीको कृषि व ग्रामीण पर्यटन कहते हैं I

कृषि व ग्रामीण पर्यटन संकल्पना का उद्देश्य

गाँव और शहरोंमें बढते अंतर को कम करने के लिए, किसानोंकी आमदनी बढाने के लिए, बंजर ज़मीन को उपयोग में लाने के लिए, नई पीढ़ी को खेतीसे, अपने भोजन के बारे में अवगत कराने के लिए, ग्रामीण कला, किसानोंकी उपज इन सबको नया मार्केट उपलब्ध हो सके, गाँव के युवा को गाँव में ही रोगार उपलब्ध हो सके, गाँव की महिलाओंका सबलीकरण एवं सशक्तीकरण हो, ग्रामीण जीवनस्तर अच्छा हो,सांस्कृतिक आदानप्रदान हो, कृषि प्रधान भारत के किसानोंको उनके समृद्धी को पहचान मिले और शहरी लोगोंको इन सब बातोंका आनंदऔर अनुभव मिले, शिक्षा मिले और एक अच्छे समाजकी रचना हो सके इसके लिए कृषि व ग्रामीण पर्यटन संकल्पना ज़रूरी हैI



कृषि व ग्रामीण पर्यटन कौन बना सकता है?

१.      किसान

२.      किसानोंकी कृषि सहकारी संस्था

३.      कृषि विद्यापीठ

४.      कृषि महाविद्यालय(शासकीय/ निजी)

५.      शासन मान्यता प्राप्त कृषि विज्ञान केंद्र

६.      किसानों द्वारा स्थापित भागीदारी संस्था या कंपनी

कृषि व ग्रामीण पर्यटन केंद्र बनाने कि लिए आवश्यक बाते

१.      कृषि व ग्रामीण पर्यटन संकल्पना चलाते समय ही यह बात ध्यान में रखना है कि खेती मुख्य और पर्यटन सहायक व्यवसाय हैI

२.      गाँव:कृषि व ग्रामीण पर्यटन केंद्र शहर की सीमासे (महानगरपालिका, .नगरपालिका, नगरपरिषद, नगरपंचायत) इनसे कम से कम १ किमी की दुरी पर गाँव में स्थित होना चाहिएI

३.      खेती: कृषि व ग्रामीण पर्यटन यह खेती से जुडी हुई पर्यटन संकल्पना है, इसलिए कम से कम १ एकखेती होना जरुरी हैI जहा स्कूल की ट्रिप आयेगी वहाँ, ५ एकड़ खेती होना आवश्यक हैI वहाँ २४ घंटा पानी उपलब्ध होना नितांत आवशयक है I

४.      किसान; जिसके के खुद के नाम से ७/१२ हो, या उसके परिवार से किसीके नाम से जमीन का ७/१२ हो तो कृषि व ग्रामीण पर्यटन सुविधा अपने खेतमें बनाने के लिए पात्र हैI

५.      कृषि व ग्रामीण पर्यटन केंद्र बनाते समय, स्थानीय संसाधनोंका को सांस्कृतिक जुडाव दिखाए, उसका उपयोग करना अनिवार्य हैI वहाँ खाने पीने की सुविधा, रहने की सुविधा, स्वच्छ पानी, सासुथरे स्वच्छतागृह होना आवश्यक हैI

६.      महाराष्ट्र पर्यटन नीति के अनुसार,कक्षा ५ वीं से १० वीं तक के छात्र छात्राओं को निकट के कृषि व ग्रामीण पर्यटन केंद्र पर ट्रिप पर लेकर जाना स्कूलों के लिए अनिवार्य हैI


आदर्श कृषि व ग्रामीण पर्यटन केंद्र के लिए वैकल्पिक बाते

१.      आपका कृषि व ग्रामीण पर्यटन केंद्र शांत, सुंदर और प्रकृती के सानिध्य में होI

२.      कृषि पर्यटन के लिए आनेवाले लोगोंको खेती के विविध पक्ष देखनेको मिले जैसे कि फँसलों की विविधता, सिंचाई की पद्धतियाँ,किस प्रकारसे खेती का सही नियोजन होना चाहिएI

३.      कृषि पर्यटन केंद्र पर स्थानीय व्यंजनोंसे सज्जित खाना हो जो महाराष्ट्रीयन खाद्य संस्कृती का अनुभव देI

४.      लोगोंको ग्रामीण जनजीवन का अनुभव देने हेतु बैलगाड़ी, तांगा / घोड़ागाड़ी इत्यादि की सुविधा, मनोरंजन के लिए ग्रामीण खेल, पारंपारिक लोककला के कार्यक्रम इत्यादि की सुविधा आपके कृषि व ग्रामीण पर्यटन केंद्र में होनी चाहिएI

५.      कृषि व ग्रामीण पर्यटन केंद्र चालक को आसपास में होनेवाले यात्रा उत्सव, किला, गुफ़ाएं, सांस्कृतिक धरोहर/वारसास्थल, धार्मिक स्थल एवं प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के बारेमें जानकारी होनी चाहिए और उन्होने लोगोंको इसके बारे में मार्गदर्शन करना चाहिएI

६.      महाराष्ट्र राज्य पर्यटन संचालनालय के साथ पंजीकृत कृषि व ग्रामीण पर्यटन केंद्र द्वारा उसका अपना सूचनापट अपने केंद्र में  लगाना चाहिए और १६ मई को विश्व कृषि   पर्यटन दिवस मनाना चाहियेI

७.      अपने कृषि व ग्रामीण पर्यटन केंद्र पर ताज़े फलसब्ज़ी, प्रक्रिया पदार्थ एवं कलाकौशल की वस्तुएं विक्री के लिए रखनी चाहिएI पर्यटकों जैविक खेती के बारे में अवश्य जानकारी दी जानी चाहिए.

८.      जिन किसानोंके पास ज़मीन कम है, वो किसान पास वाले किसानोंकी मीन उनकी विधिवत अनुमति से उपयोग में ले सकते हैंI

९.      कृषि पर्यटन केंद्र प्लास्टिक मुक्त हो, पारंपारिक उर्जा स्त्रोत का उपयोग हो, देश विदेश से लोग आते हैं तो उनसे सरलता से सवांद हो सके ऐसी भाषा का ज्ञान हो.

१०.  कृषि पर्यटन केंद्र की सेवा का स्तर बना रहे इसके लिए साल में एक बार पर्यटन अधिकारी का निरीक्षण दौरा होना चाहिएi

कृषि  पर्यटन केंद्र द्वारा आनेवाले लोगोंको कौन सी सुविधाये दियी जायेगी

खेती करनेके साथ साथ में, कृषि पर्यटन संचालक निम्नलिखित सुविधाओ में से कुछ या सभी सुविधाएं उपलब्ध करवा सकते हैं.

१.      एक दिवसीय पर्यटन यात्रा ( डे ट्रीप)

२.      निवासीय व्यवस्था

३.      मनोरंजनात्मक सेवाएं (उदा. छोटे बच्चोके लिए खेलनेकी जगह, साहसी खेल, ग्रामीण खेल)

४.      कृषि कैम्पिंग (खेतोमें तंबू लगाना)

५.      फलोंके बागान एवं पदार्थ विक्री केंद्र ( PRODUCT SALE) उदा संतरा /संतरे का ज्यूस, अंगूर/वाईन, स्ट्रॉबेरी या उससे बनी चीजें।

निवास व्यवस्था

अ क्र

खेती का क्षेत्र

कमरोंकी संख्या

कमरोंका क्षेत्रफल

२ एकतक

 (न्यूनतम)

१५’ X १०

 २-५ एकतक

६ ( न्यूनतम )

१५’ X १०

५ एकसे ज्यादा हो तो

८ कमरेऔर  शौचालयकी स्वतंत्र व्यवस्था वाले २ लोकनिवास (२५ बेड/लोकनिवास)

१५’ X १०कमरे

२०’ X  २०लोकनिवास

 

·         हर एक कमरे से संलग्न शौचालय और स्वच्छतागृह होना चाहियेi कमरोंकी रचना पर्यावरणकी दृष्टि से अनुकूल होनी चाहिये और सक्षम प्राधिकारी की अनुमति होनी चाहियेi

·         शालाओं की ट्रिप के के लिये या बड़े ग्रुप के टूर के लिए २५ बिस्तरों की क्षमता वाले ज़्यादा से ज़्यादा दो लोकनिवास बनवा सकते हैं लेकिन उसके लिए कमसे कम ५ एक खेती होना अनिवार्य हैi

·         पर्यटन नीति -२०१६ के अनुसार, ज्यादा से ज्यादा ८ कमरों वाले कृषि  पर्यटन केंद्रोंको, कमरे और अन्य सुविधा बनाने के लिए नगर रचना विभाग के अनुमति लेने की आश्यकता नही हैi ८ कमरोंसे ज़्यादा कमरे वाले कृषि पर्यटन केंद्र को व्यावसायिक उपक्रम के तौर समझा जायेगा और उसके लिए नगर रचना विभाग के अनुमति अनिवार्य हैi

 

भोजन व्यवस्था और भोजन बनाने का स्थान (सर्व प्रकार कि सुविधांओ के लिए अनिवार्य)

·         पंजीकृत कृषि पर्यटन केंद्र संचालक द्वारा आनेवाले पर्यटकोंको भोजन की सुविधा उपलब्ध करना अनिवार्य हैi भोजन बनाने का कमरा, कमसे कम १५ x १० वर्गफ़ीटक्षेत्रफल का होना चाहियेi

·         कृषि  पर्यटन केंद्र संचालित करने के लिए पर्यटन विभाग का पंजीकरण तथा अन्य सभी अनिवार्य शासकीय विभागोंकी अनुमति लेना अनिवार्य है

·         आपत्कालीन परिस्थिती में, तत्काल स्वरूप में, चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध होने के लिए, FIRST AID BOX कृषि  पर्यटन केंद्र में उपलब्ध होना अनिवार्य है.

·         अग्निशमन यंत्र का होना अनिवार्य हैi

·         वैश्विक महामारी के समय (कोविड-१९) सुरक्षा के लिए जारी की गयी सभी सूचनाओं का पालन करना जरुरी हैi

·         कृषि पर्यटन केंद्र तक पहुंचने के लिए, व्यवस्थित सड़क तथा, पर्यटकों के वाहनों को पार्क करने के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहियेi

कृषि पर्यटन में  खेती करने के साथ मी निम्नलिखित सभी या कुछ उपक्रम आप कर सकते है

·         हरितगृह (ग्रीनहाउस)

·         दुग्धव्यवसाय

·         मत्स्य व्यवसाय ( मत्स्य खेती, मत्स्य तालाब)

·         पौधवाटिका(नर्सरी), फलखेती

·         पशुपक्षी पालन (कुक्कुटपालन, बकरीपालनइत्यादि )

·         प्राकृतिक साहसी पर्यटन- इसके लिए स्वतंत्र तौरपर अनुमति लेनी अनिवार्य हैi

·         वाईन टुरिज़म / वाइन पर्यटन

 

 


कृषि   पर्यटन केंद्र को महाराष्ट्र पर्यटन विभाग से मिलनेवाले लाभ

·         कृषि पर्यटन केंद्र को पर्यटन विभाग से पंजीकरण प्रमाणपत्र दिया जायेगाi

·         इस प्रमाणपत्र के आधार पर कृषि पर्यटन केंद्र संचालक को बैंकसे ऋण लेनेमें सहायता मिल सकती हैi

·         कृषि पर्यटन केंद्र को, पर्यटन नीति २०१६ के जो मुद्दे है जैसे कि  वस्तू व सेवा कर, विद्युत शुल्क ( मुद्रांक शुल्क छोडकर ) इन सबका का लाभ मिल सकता हैi

·         जलसंधारण विभाग की खेत में तालाब बनानेकी योजना में, कृषि पर्यटन केंद्र संचालक को प्राधान्य दिया जाएगाi

·         पंजीकृत कृषि पर्यटन केंद्र को केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा कार्यान्वित अनेक योजनाएं  जैसे कि ग्रीन हाउस, फल बागान खेती, खेती इन योजनाओं का लाभ मिल सकता हैi

·         कृषि पर्यटन नीति के अनुसार, भोजन बनाने के लिए जहाँ पर घरेलू व्यवस्था का उपयोग होगा वहा निवास व न्याहारी योजना के जैसेही घरेलू GAS कनेक्शन उपयोग में ला सकते हैi

·         कृषि पर्यटन केंद्र के लिए विद्युत शुल्क का दर घरेलू दर के हिसाब से रखने हेतु     विचार किया जायेगाi

 



प्रशिक्षण व मार्गदर्शन

कृषि पर्यटन केंद्र चालक को, अनुभवी मार्गदर्शकोंसे निम्नलिखित विषयोंपर प्रशिक्षण दिया जायेगा

 

·         अन्न सुरक्षा तथा स्वच्छता के बारे में प्रशिक्षण

·         आथित्यसत्कार

·         विज्ञापन एवं विपणन

·         आदर्श अनुभवाधारित पर्यटन

·         आदर्श कृषि पद्धती

·         आदर्श कृषि पर्यटन केंद्र पर दौरा

 

विज्ञापन

इस कृषि पर्यटन नीति के तहत दी गयी वैकल्पिक गतिविधियों को पर्यटकों की सुविधा के लिए अच्छी तरह से संचालित किया जा रहा हो तो उन कृषि पर्यटन केंद्र के फोटो और वीडियो,पर्यटन संचालनालय द्वाराप्राप्त होने पर की प्रसिद्धी / पब्लिसिटी अलग अलगप्रचार माध्यमों द्वारा की जायेगी। पंजीकृत कृषि पर्यटन केंद्र की जानकारी पर्यटन विभाग के वेबसाईट पर अपलोड की जायेगीI कृषि पर्यटन केंद्र के वेबसाईट की लिंक पर्यटन विभाग के वेबसाईटपर उपलब्ध कारवाई जायेगीI 

मार्केटिंग व्यवस्था

निजी/सरकारी मार्केटिंग व्यवस्था तथा ऑनलाइन मार्केटिंग के अवसर पर्यटन विभाग की ओर से उपलब्ध कराये जायेंगेI

पर्यटन नीति -२०१६ के अनुसार, ८ कमरे वाले कृषि पर्यटन केंद्र को, कमरे तथा अन्य पर्यटन सुविधाएँ बनाने के लिए नगर रचना विभाग के अनुमति की ज़रुरत नही हैI

 

आवेदन करने की पद्धति

पर्यटन संचालनालय कि ओर से www.maharashtratourism.gov.in इस वेबसाईटपर तथा सभी विभागीय पर्यटन संचालनालय कार्यालयोंमें उपलब्ध किया जायेगाI आवेदन करने हेतु     निम्नलिखित कागज अनिवार्य हैं।

१.      आवेदन कर्ता के जमीन के कागज (७/१२, ८ अ)

२.      किसान के अलावा अन्य संस्थाओंके लिए, कानून के तहत पंजीकरण ( सहकार कानून, कंपनी कानून, भागीदारी कानून)

३.      विभिन्न कानून के अंतर्भाव में पंजीकृत संस्था द्वारा कृषि पर्यटन केंद्र के आवेदन हेतु     प्राधिकार पत्र

४.      आधार कार्ड/ पैन कार्ड

५.      बिजली बिल

६.      पंजीकरण शुल्क ऑनलाईन माध्यम से www.gras.mahakosh.gov.inइस लिंक पर भरा हुआ चालान

७.      अन्न सुरक्षा कानून अंतर्गत पंजीकरण

८.      लोकनिवास बनाते है तो उसकेनिर्माण का प्रमाणपत्र

 


पंजीकरण प्रमाणपत्र कार्यपद्धती

१.      ऑनलाईन आवेदन प्राप्त होने बाद उसकी जांच पडताल की जाएगी

२.      पर्यटन अधिकारी या उनके तरफ से नियुक्त अधिकारी कृषि विभाग के प्रतिनिधि के साथ स्थल की जाँच पडताल होगी

३.      पर्यटन अधिकारी द्वारा पंजीकरण प्रमाणपत्र दिया जाएगा.

४.      कृषि पर्यटन नीति के अनुसार अगर कोई कमी रह जाती है तो पंजीकरण न करने का अधिकार पर्यटन अधिकारीके पास सुरक्षित रहेगा.

५.      पर्यटन अधिकारी द्वारा समय समय पर कृषि पर्यटन केंद्र का निरीक्षण दौरा किया जाएगा. अगर कृषि पर्यटन नीति के विरुद्ध कोई काम हो रहा हो तो पंजीकरण निरस्त करने की कारवाई की जा सकती है.

 

पंजीकरण शुल्क

कृषि पर्यटन के लिए, ५ वर्षोके लिए,पंजीकरणशुल्क रुपये २५००/- (रुपये दो हजार पाँच सौ मात्र )निर्धारित किया गया हैI हर पांच वर्षो में, रुपये १०००/-(एक हज़ार मात्र )की राशी जमा कर के आप पंजीकरण का नवीनीकरण कर सकते हैंI

 


अपील

 प्रथम अपील: उपसंचालक पर्यटन अधिकारी द्वारा लिए गये निर्णय के विरुद्ध आप संचालक पर्यटन अधिकारी से अपील कर सकतेहैं, इस हेतु १५ दिनकी अवधि निर्धारित हैI

द्वितीय अपील: संचालक पर्यटन अधिकारी द्वारा लिए गये निर्णय के विरुद्ध आप सचिव/प्रधान सचिव (पर्यटन) के समक्ष अपील कर सकतेहैं , उस हेतु ३० दिन की अवधि निर्धारित हैI सनद रहे इनका निर्णय अंतिम होगाI

 


राज्यस्तरीय कृषि पर्यटन विकास समिती

राज्य में कृषि पर्यटन संकल्पना को बढावा देने हेतु और उसके प्रचार तथा प्रसार हेतू, इस पर्यटन संकल्पना में आनेवाली कठिनाईयों को सुलझाने के लिए राज्यस्तरीय महाराष्ट्र कृषि व ग्रामीण पर्यटन विकास समिती गठित की गई हैI जिसके सदस्य निम्नानुसार रहेंगे।

 

१. प्रधान सचिव (पर्यटन)                                  अध्यक्ष

२. आयुक्त (कृषि )                                      सदस्य

३. संचालक (पर्यटन संचालनालय)                           सदस्य

४. सह सचिव (ग्रामविकास विभाग)                         सदस्य

५. सहसचिव (जल संधारण)                               सदस्य

६. कृषि पर्यटन क्षेत्र से दो विशेषज्ञ                          सदस्य

७. उपसचिव (पर्यटन)                                     सदस्य सचिव

 


 

समिती के कार्य

१.      कृषि पर्यटन नीति की समय समय पर समीक्षा करें।

२.      कृषि पर्यटन नीति में सकारात्मक बदलाव सुझाएं।

३.      कृषि पर्यटन नीति के तहत, केंद्र तथा राज्य सरकार के अलग अलग विभागों से समन्वय बनाये रखेंI

४.      कृषि पर्यटन के संबंध में सतत संशोधन एवं विकास की दिशा में अग्रसर रहेंI

५.      कृषि पर्यटन केंद्रोंको आर्थिक रूप से सशक्त बनाने हेतु उपाय बताएंI

६.      कृषि विद्यापीठ एवं कृषि महाविद्यालयके साथ मिलकर आदर्श कृषि पर्यटन केंद्र निर्मिती हेतु प्रयत्न करें I

७.      कृषिपर्यटन के लिए कौशल्य विकास योजना बनाएंI

८.      कृषि पर्यटन संकल्पना में विभाग एवं राज्यस्तर पर काम करने वाली संस्थाओं में    समन्वय बनाये रखें तथा उनको प्रोत्साहित करें I

९.      राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय स्तर के, कृषि पर्यटन संकल्पना के अच्छे उपक्रम, राज्य में कार्यान्वित करने का प्रयास करेंI

१०.  राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय स्तरपर, राज्य के कृषि पर्यटन केंद्रों का विपणन करें जिससे कि देशविदेश से पर्यटक यहाँ आते रहेंI

११.  राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय स्तरपर होनेवाले प्रदर्शन एवं परिषद में सहभागी हो कर, महाराष्ट्र की कृषि पर्यटन संकल्पना को राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित और प्रसारित करें I

 

ये शासकीय निर्णय, महाराष्ट्र सरकार की वेबसाईट www.maharashtra.gov.in पर उपलब्ध हैI उसका क्रमांक २०२००९२८१७१२३५४१२३ ये हैI


 

मनोज हाडवळे (लेखक पर्यटन संचालनालय मे बतोर पर्यटन प्रशिक्षक कार्यरत है तथा २०११ से पराशर कृषी व ग्रामीण पर्यटन की माध्यम से देश विदेश के लोगोंको ग्रामीण संस्कृती का अनुभव देते हैI पर्यटन सल्लागार के रूप मे भी लोगोंको मार्गदर्शन करते हैI)

09970515438/07038890500

manoj@hachikotourism.in

www.hachikotourism.in

 

Hachiko TOURISM I TRAINING I CONSULTANCY